आज से पहले कभी सुना है आपने कि कोई फिल्म रिलीज़ होते ही सिर्फ डेढ़ दिनों में अपना बजट पार कर ले और दूसरे दिन के खत्म होते-होते तक सुपरहिट बन जाए। महा अवतार नरसिम्हा यह सिर्फ सिनेमा नहीं है। जीता जागता सबूत है। इसने फिल्म इंडस्ट्री के ढेरो मिथक तोड़ कर रख दिए है। अगर पब्लिक अपने पे आ जाए तो रातोंरात पूरी फिल्म इंडस्ट्री को बदल के रख सकती है। IMDb जैसी वेबसाइट पर जाकर आप चेक करोगे तो इस फिल्म की रेटिंग इंडिया में एकदम नंबर वन पे जाकर बैठ चुकी है और धीरे-धीरे 10 में से 10 नंबर देने वाले वोटों की गिनती बढ़ रही है । केजीएफ, कांतारा, सलार जैसी मूवीज बनाने वाले फिल्म्स मेकर्स ने सपनों में भी नहीं सोचा होगा। उन बड़े स्टार्स की फिल्मों से ज्यादा इज्जत उनको यह मामूली सी दिखने वाली फिल्म कमा के देगी।
आज के टाइम में जब लोग अकेले फिल्म देखने में भी कतराते हैं, अंदर क्या देखने को मिल जाए, ऐसे में इस फिल्म के लिए पूरा परिवार, क्या बच्चा, क्या बूढ़ा, क्या जवान सब एक साथ टिकट बुक कर रहे हैं। फिल्म के डायरेक्टर आश्विन कुमार हैं, उन्होंने बताया रिलीज से पहले हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ बड़े लोगों ने उनसे बोला था कि ये सिनेमा नहीं बिकेगा। लोग देखने नहीं आएंगे, थिएटर खाली पड़े रहेंगे। तब से लेकर आज तक महा अवतार नरसिम्हा के जितने शोज़ स्पेशली हिंदी बेल्ट में जो शो चल रहे हैं, उसके दबाके टिकट्स बिक रहे हैं। एक भी शो की एक भी सीट खाली नहीं है। लोग जमीन तक पर बैठने को तैयार हैं। बस फिल्म देखना चाहते हैं। एक बार, दो बार, तीन बार-बार देखने जा रहे हैं। फिल्म लाइन की बड़ी-बड़ी बातों को झूठा साबित कर दिया। हर किसी का मुंह बंद कर दिया। सिर्फ और सिर्फ फिल्म के सब्जेक्ट ने बड़े-बड़े स्टार्स, सुपरस्टार्स का घमंड चकनाचूर कर दिया।
भगवान विष्णु के नरसिम्हा अवतार पर बनी यह फिल्म जब मैंने देखी तो ऐसा लगा थिएटर में खुद भगवान उतर के आ गए हैं। रोंगटे खड़े हो गए । स्पेशली फिल्म की एंडिंग को देखकर ऐसा महसूस हुआ जैसा आज तक कभी सिनेमा के बारे में सोचा भी नहीं था। शब्द नहीं है फिल्म में भगवान को इतने अच्छे तरीके से दिखाया गया है। एक एनिमेटेड फिल्म को इतना रियल बना दिया कि फर्क नहीं पड़ा कि इसमें रियल एक्टर है भी या नहीं। खतरे की घंटी है ये फिल्म हर उस इंसान के लिए जो गलतफहमी में जीता है कि फिल्म सिर्फ बड़े एक्टर्स के नाम पर चलती है।
भगवान का नाम पूरी फिल्म इंडस्ट्री से बड़ा है । प्रहलाद, हिरण्यकश्यप और भगवान विष्णु की कहानी जो इस फिल्म में एक बार देख लेगा जिंदगी में भूल नहीं पाएगा। इतने सच्चे मन से बनाया गया सिनेमा है। और यही वजह है कि रिलीज से पहले जो लोग फिल्म पर सवाल उठा रहे थे इसके डायरेक्टर को नीचा महसूस करा रहे थे। अब वो सबसे आगे बढ़के फिल्म को ज्यादा से ज्यादा स्क्रीन्स पर दिखाना चाहते हैं। शुरुआत में सिर्फ इतने शोज़ मिले थे फिल्म को जितना हाथों की उंगली पर गिन सकते थे और आज की डेट में हर 3 घंटे में एक नया शो जोड़ा जा रहा है जो पलक झपकते ही हाउसफुल हो जाता है।
अगर सयारा इस वक्त थिएटर में ना चल रही होती तो सारी की सारी स्क्रीन्स पे महावतार नरसिम्हा का कब्जा हो जाता और जो कलेक्शन आ रहा है उससे 10 गुना बड़ा नंबर आता। इस फिल्म का बजट सिर्फ 4 करोड़ लिखा हुआ है। मात्र 4 करोड़ में ऐसी फिल्म बना दी जिसने विष्णु के भक्तों को सच में भगवान से मिला दिया। और अब चाहे कोई कितना भी रोकने की कोशिश क्यों ना कर ले यह फिल्म कछुए की तरह आगे बढ़ रही है और धीरे-धीरे बड़े-बड़े खरगोशों को भी पीछे कर देगी। पहले 10 करोड़ पार हुआ, अब 20 भी हो जाएगा। फिर पता नहीं यह नंबर कहां तक जाकर रुकेगा। लेकिन बात पैसे की नहीं है। एक इंसान ढूंढ के बताओ जिसको यह फिल्म पसंद ना आई हो।
पिछली बार कांतारा ने सिर्फ 16 करोड़ में 400 करोड़ वर्ल्ड वाइड बिजनेस किया था और उसके बाद वही पागलपन दोबारा महावतार नरसिम्हा के लिए लोगों में दिखाई दे रहा है। लेकिन अब नया हफ्ता आएगा नई फिल्में लाएगा जिनके पीछे बड़े-बड़े नाम शामिल हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की महावतार नरसिम्हा अपना अवतार कितना बड़ा करते है और अपने दर्शको को सिनेमा हाल तक लाने में मजबूर करते है।