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महाराष्ट्र में भारी बारिश का अलर्ट: IMD ने जारी की चेतावनी, किसानों और मछुआरों को सतर्क रहने की सलाह

मौसम विभाग ने यह भी बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 17 मई से दक्षिणी अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है।

अगले 3-4 दिनों में इसके और आगे बढ़ने के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है। इसका मतलब है कि महाराष्ट्र में भी मानसून जल्दी सक्रिय हो सकता है और बारिश की मात्रा सामान्य से अधिक रह सकती है।

कोंकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में गरज-चमक के साथ बारिश

IMD के अनुसार, 18 से 20 मई के बीच कोंकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। गरज-चमक, बिजली गिरने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलने की भी आशंका है।

किसानों और मछुआरों के लिए अलर्ट

मौसम विभाग ने किसानों को चेतावनी दी है कि इस दौरान बारिश और तेज़ हवाओं के कारण खेतों में खड़ी फसलें और बागवानी उत्पाद बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। किसानों से अपील की गई है कि वे कटाई के बाद फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें और नए पौधों को सहारा दें ताकि तेज़ हवाओं से उन्हें नुकसान न पहुंचे।

मछुआरों को 19 और 20 मई को दक्षिण महाराष्ट्र और गोवा तटों पर समुद्र में 35 से 45 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज़ हवाओं का सामना करना पड़ सकता है, जो 55 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती हैं। ऐसे में उन्हें समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

क्या हो सकते हैं संभावित खतरे?

इस मौसम प्रणाली के असर से शहरी और निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है। कमजोर पेड़ गिर सकते हैं, पुराने और जर्जर भवनों के ढहने की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा सड़क यातायात, रेल सेवाओं और हवाई यातायात में भी व्यवधान संभव है।

नगर सेवाओं में जैसे बिजली और पानी की सप्लाई में रुकावट की स्थिति भी बन सकती है। ऐसे में नागरिकों को यात्रा से पहले ट्रैफिक अपडेट चेक करने और जलभराव वाले क्षेत्रों से बचने की सलाह दी गई है।

बिजली गिरने से कैसे बचें?

गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की घटनाओं को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है। नागरिकों को खुले मैदानों, ऊंचे पेड़ों और बिजली संचालन करने वाली चीज़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

इसके अलावा घर में सभी बिजली के उपकरणों को अनप्लग कर देना चाहिए और पानी के स्रोतों से दूर रहना चाहिए।

पशुपालकों के लिए सलाह

पशुपालकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर रखें और तेज़ बारिश या बिजली गिरने की स्थिति में उन्हें खुले में न छोड़ें। बारिश के दौरान पशुओं के रहने के स्थान को मजबूत और सुरक्षित बनाना बहुत जरूरी है।

निष्कर्ष

मौसम विभाग के ताजा अलर्ट को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है। किसानों, मछुआरों और आम नागरिकों को चाहिए कि वे मौसम से जुड़ी हर जानकारी पर नजर रखें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

अगर आप यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो मौसम की स्थिति जरूर चेक करें और किसी भी आपदा की स्थिति में आपदा प्रबंधन विभाग से तुरंत संपर्क करें।

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