मध्य प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही कई इलाकों में मूसलाधार बारिश कहर बरपा रही है। भारी बारिश ने अनूपपुर जिले में रविवार रात को एक परिवार की खुशियों को उजाड़ दिया। रीवा-अमरकंटक मुख्य मार्ग पर किरर घाट की सजहा पुलिया टूट गई, जिससे एक स्विफ्ट डिजायर कार नाले में बह गई। हादसे में कार सवार पति-पत्नी और उनके दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक यह हादसा रविवार रात करीब 9 बजे हुआ। शहडोल के रहने वाले चंद्रशेखर यादव अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ अमरकंटक घूमने गए थे। लौटते वक्त वे अनूपपुर आ रहे थे। अमरकंटक मुख्य मार्ग पर किरर घाट के पास स्थित सजहा पुलिया पहले से ही बारिश के पानी के दबाव में क्षतिग्रस्त हो चुकी थी।
स्थानीय लोगों ने चंद्रशेखर यादव को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। लोगों ने बताया कि पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा था और तेज बहाव के कारण वहां खड़े रहना भी मुश्किल था। बावजूद इसके चंद्रशेखर ने कार बढ़ा दी और इसी दौरान कार नाले में फंस गई।
पानी के तेज बहाव के कारण कार धीरे-धीरे बहती चली गई और देखते ही देखते नाले में समा गई।
कौन थे हादसे के शिकार?
हादसे में जान गंवाने वालों में 38 वर्षीय चंद्रशेखर यादव शामिल थे, जो एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र में पदस्थ थे। उनकी पत्नी प्रीति यादव (37) पेशे से स्टाफ नर्स थीं। उनके दो बेटे — रेयांश (8) और शिवी (2) भी इस हादसे का शिकार हो गए।
परिवार में खुशियां मनाने अमरकंटक घूमने निकला यह परिवार अब कभी वापस नहीं लौटेगा। हादसे ने न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे इलाके में मातम छा दिया है।
12 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, SDRF, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। SDRF की टीम ने सबसे पहले प्रीति यादव का शव बरामद किया। लेकिन चंद्रशेखर और उनके बच्चों की तलाश मुश्किल थी क्योंकि पानी का बहाव बहुत तेज था और कार काफी दूर तक बह गई थी।
करीब 12 घंटे की मशक्कत के बाद सोमवार सुबह बाकी तीनों शव घटना स्थल से करीब 5 किलोमीटर दूर अलग-अलग जगहों पर मिले। कार के भी परखच्चे उड़ गए थे। कहीं कार का दरवाजा मिला तो कहीं बोनट और सीटें अलग-अलग जगहों पर बिखरी पड़ी थीं।
क्यों टूटी पुलिया?
स्थानीय लोगों के अनुसार रीवा-अमरकंटक रोड पर किरर घाट की सजहा पुलिया काफी पुरानी है और हर साल बरसात में यहां जलभराव की समस्या रहती है। कई बार प्रशासन को इसकी मरम्मत और मजबूती के लिए अवगत कराया गया था लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए। नतीजा यह हुआ कि रविवार रात हुई मूसलाधार बारिश ने पुलिया को तोड़ दिया।
लोगों का कहना है कि अगर सही समय पर सड़क और पुलिया की मरम्मत की जाती तो शायद यह हादसा टल सकता था।
अब उठे सवाल
एक ही परिवार के चार लोगों की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
- क्या प्रशासन को पहले से पुलिया की स्थिति की जानकारी थी?
- भारी बारिश में रोड बंद क्यों नहीं किया गया?
- लोगों ने जब कार रोकने की कोशिश की तो पुलिस की गश्त क्यों नहीं थी?
इस हादसे ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। अब स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही पुलिया का पुनर्निर्माण हो और बारिश में इस रूट पर ट्रैफिक को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
इलाके में मातम का माहौल
चंद्रशेखर और प्रीति के घर पर मातम पसरा हुआ है। रिश्तेदारों और पड़ोसियों के मुताबिक दोनों बेहद मिलनसार थे। बच्चों को पढ़ाई और खेल में भी खूब रुचि थी। पूरे इलाके में इस हादसे से गम का माहौल है।
भारी बारिश में बढ़ सकती हैं और मुश्किलें
अनूपपुर समेत मध्य प्रदेश के कई जिलों में मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि तेज बारिश के दौरान नदी, पुल या पुलिया पार करते वक्त सतर्क रहें और गैरजरूरी यात्रा से बचें।