भारत में मार्च की पहली तारीख से ही मौसम ने ऐसा खेल दिखाना शुरू कर दिया है, जिसे देखकर लोग भी हैरान हैं। आमतौर पर मार्च महीने को बसंत का महीना माना जाता है, लेकिन इस बार मार्च के पहले दिन ही देशभर में कहीं सावन जैसा झमाझम बारिश देखने को मिल रही है तो कहीं कड़कती धूप ने गर्मी का अहसास करवा दिया है। वहीं कुछ राज्यों में बर्फबारी और हिमस्खलन ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
भारत के अलग-अलग हिस्सों में एक तरफ अधिकतम तापमान 38.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया तो दूसरी तरफ कुछ जगहों पर पारा -11 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। यानी गिरगिट की तरह मौसम ने भी रंग बदलना शुरू कर दिया है। कहीं कुछ घंटों पहले तेज धूप खिल रही थी, तो अचानक काले बादल छा गए और बारिश शुरू हो गई। कुल मिलाकर लोगों को सावन, माघ और बैसाख सब एक साथ महसूस हो रहा है।
दिल्ली में सुबह-सुबह बारिश ने बदला मिजाज
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी शनिवार सुबह मौसम ने करवट ली और हल्की बारिश शुरू हो गई। IMD दिल्ली अपडेट के अनुसार, राजधानी में न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.1 डिग्री अधिक रहा। सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में दिल्ली के सफदरजंग में 1.8 मिमी, पालम में 1 मिमी और पीतमपुरा में 4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इस दौरान आद्र्रता का स्तर 92 फीसदी पहुंच गया।
दिल्ली वालों को फरवरी के गर्म रिकॉर्ड भी अभी भूले नहीं हैं। इसी साल 27 फरवरी को दिल्ली ने 74 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था, जब न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था, जो फरवरी की सबसे गर्म रात बन गई थी। लेकिन इस गर्म रिकॉर्ड के बाद मार्च ने बारिश और ठंडक का तड़का लगा दिया।
मौसम विभाग के अनुसार, दिनभर बादल छाए रह सकते हैं और रुक-रुक कर बूंदाबांदी हो सकती है। अनुमान है कि अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश से जन-जीवन प्रभावित
देश के पहाड़ी राज्यों में हालात और ज्यादा गंभीर हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भारी बारिश और बर्फबारी से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सड़कों पर खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गई हैं। हिमाचल मौसम अपडेट के अनुसार, कई जगह भूस्खलन की वजह से रास्ते बंद हैं और सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
जम्मू कश्मीर में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। बर्फबारी और बारिश के चलते कई राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गए थे। हालाँकि मौसम में सुधार के बाद मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है ताकि कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से फिर से जोड़ा जा सके।
उत्तराखंड के चमोली जिले में हालात और भी खतरनाक हो गए हैं। यहां माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने से सड़क निर्माण कार्य में जुटे BRO के 55 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए थे। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक 50 मजदूरों को बाहर निकाला गया है, जिनमें से 4 की मौत हो चुकी है। वहीं 5 मजदूर अब भी लापता हैं जिनकी तलाश युद्धस्तर पर जारी है।
राजस्थान के कई जिलों में भी बारिश, कुछ इलाकों में तेज धूप
राजस्थान में भी बीते 24 घंटों में कई जिलों में गरज के साथ बारिश हुई है। जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार चूरू जिले में 28 मिमी, झुंझुनूं के चिड़ावा में 18 मिमी, मलसीसर में 14 मिमी, अलवर के तिजारा में 10 मिमी, पिलानी में 9 मिमी और बीकानेर में 6.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। कुछ जिलों में तो बारिश के बाद ठंडक का असर देखा गया, लेकिन दोपहर होते-होते कुछ इलाकों में तेज धूप भी खिल गई जिससे लोगों को गर्मी का भी अहसास हुआ।
देश के अन्य राज्यों में कैसा रहा मौसम?
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के कुछ हिस्सों में भी बादल छाए रहे और रुक-रुक कर बारिश हुई। वहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात के कई हिस्सों में चटक धूप खिली रही। कई जगहों पर तापमान सामान्य से ज्यादा रहा जिससे लोगों ने गर्मी का अनुभव किया।
देश के दक्षिणी राज्यों में मौसम फिलहाल सामान्य है लेकिन मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में अगले कुछ दिनों में तेज हवाओं और बारिश की संभावना बनी हुई है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक उत्तर भारत, खासकर पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी रह सकता है। इससे भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। चारधाम यात्रा पर निकले यात्रियों और पर्यटकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम के मिजाज में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में लोगों को अचानक मौसम बदलने के लिए तैयार रहना चाहिए।