क्या बाजार, स्कूल, ऑफिस खुलेंगे या रहेंगे बंद?
देशभर में 9 जुलाई 2024 को भारत बंद का ऐलान किया गया है, जिसकी वजह से आम लोगों से लेकर व्यापारियों तक में हलचल मची हुई है। सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनल तक हर जगह बस एक ही सवाल उठ रहा है – आखिर ये भारत बंद क्यों बुलाया गया है? कौन इसे आयोजित कर रहा है और इसका असर कहां-कहां देखने को मिलेगा?
किसने बुलाया है भारत बंद?
मिली जानकारी के मुताबिक यह भारत बंद किसान संगठनों और कुछ ट्रेड यूनियनों ने मिलकर बुलाया है। किसानों की कुछ मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं, जिनमें एमएसपी कानून, बिजली बिल वापसी और कर्ज माफी जैसे मुद्दे शामिल हैं। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार इन मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं, कुछ मज़दूर यूनियन भी इस बंद में शामिल हैं। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) और अन्य मजदूर संगठन भी निजीकरण और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर विरोध कर रहे हैं।
क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद?
भारत बंद के दौरान जरूरी सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया है। यानी अस्पताल, एंबुलेंस, फार्मेसी और मेडिकल स्टोर्स खुले रहेंगे ताकि किसी को दिक्कत न हो। हालांकि कई जगह स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहने की संभावना है।
ट्रेड यूनियनों के समर्थन से कुछ राज्यों में सरकारी दफ्तरों और परिवहन सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है। रेलवे और रोडवेज कर्मचारियों के शामिल होने की वजह से कुछ जगह ट्रेनों और बस सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है।
कहां पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
भारत बंद का सबसे ज्यादा असर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर जैसे इलाकों में देखने को मिल सकता है। इन राज्यों में किसान संगठनों का खासा प्रभाव है और पहले भी किसान आंदोलन के दौरान यहां बड़े स्तर पर रैलियां और रोड ब्लॉक हुए हैं।
राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक डाइवर्जन और सख्त सुरक्षा इंतजाम किए जा सकते हैं। दिल्ली पुलिस और राज्य सरकारों ने आम लोगों से अपील की है कि अगर बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर निकलने से बचें।
पुलिस और प्रशासन की तैयारी
भारत बंद को देखते हुए कई राज्यों में धारा 144 लागू कर दी गई है। जगह-जगह पुलिस तैनात की जा रही है ताकि किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ की स्थिति को रोका जा सके। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर कोई जबरन दुकानों को बंद कराने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
क्या आप पर होगा असर?
अगर आप स्कूल-कॉलेज स्टूडेंट हैं तो पहले अपने स्कूल या कॉलेज से कंफर्म कर लें कि क्लास होगी या नहीं। व्यापारी और छोटे दुकानदार भी अपने इलाकों की स्थिति देखकर ही दुकान खोलने या बंद रखने का फैसला ले सकते हैं।
जरूरी कामों के लिए निकलने से पहले ट्रैफिक अपडेट और लोकल प्रशासन के निर्देश जरूर देखें। अगर आप यात्रा करने वाले हैं तो ट्रेन और बस की स्थिति पहले चेक कर लें क्योंकि कई जगह मार्ग बदल सकते हैं।
सरकार ने क्या कहा?
सरकार ने फिलहाल बातचीत से मसला सुलझाने की बात कही है। कृषि मंत्री ने बयान दिया है कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है लेकिन कानून व्यवस्था को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
भारत बंद में कौन कौन शामिल?
- भारत बंद में भाग लेने वाले ये संगठन शामिल हैं
- अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
- भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
- भारतीय ट्रेड यूनियनों का केंद्र (CITU)।
- हिंद मज़दूर सभा (HMS)
- स्व-नियोजित महिला संघ (SEWA)
- लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF)
- यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC)
इनका भी है समर्थन
- संयुक्त किसान मोर्चा जैसे किसान समूह
- ग्रामीण कर्मचारी संघ
- रेलवे, NMDC लिमिटेड और स्टील उद्योग के सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी
कर्मचारियों की क्या है मांग?
- कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि चार श्रम संहिताओं पर रोक लगाएं।
- श्रमिकों के यूनियन बनाने और हड़ताल करने के अधिकार को बहाल करें।
- अधिक नौकरियों के अवसर हों, खास तौर पर उन युवाओं के लिए, जिनकी उम्र वर्ष से कम है और जिनकी आबादी भारत में 65% है।
- नई भर्तियों के ज़रिए सरकारी रिक्तियों को भरें।
- मनरेगा मज़दूरी बढ़ाएं और इसे शहरी क्षेत्रों तक फैलाएं।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा और नागरिक सेवाओं को मज़बूत बनाएं।
- भारत बंद से पूरे भारत में नागरिक सेवाएं बाधित होने की उम्मीद है।
- बैंकिंग और बीमा सेवाएं प्रभावित होंगी।
- डाक संचालन बाधित रहेगा।
- कोयला खनन और औद्योगिक उत्पादन बंद रहेगा।
- राज्य द्वारा संचालित सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बाधिर रहेंगी।
- सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां प्रभावित होंगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के नेतृत्व में रैलियां आयोजित होंगी जिनका ग्रामीण क्षेत्रों की सेवाओं पर असर पड़ेगा।
भारत बंद के दौरान क्या खुला रहेगा?
- भारत बंद के दौरान देशभर में स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे।
- निजी कार्यालय सामान्य रूप से काम करेंगे।
- ट्रेनों पर हड़ताल का कोई असर नहीं होगा, लेकिन ट्रेन परिचालन पर असर पड़ सकता है और ट्रेनों में देरी की संभावना है।