बिहार चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। चुनाव से पहले लालू और तेजस्वी यादव पर गठबंधन साझेदारों का दबाव बढ़ता जा रहा है. विकासशील इंसान पार्टी ( VIP ) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा है कि वह 60 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांग्रेस ने भी 90 सीटों की मांग रखी है।

विधानसभा चुनाव से पहले RJD मुखिया लालू यादव और तेजस्वी यादव पर गठबंधन साझेदारों का दबाव बढ़ता जा रहा है। विकासशील इंसान पार्टी वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सैनी ने कह दिया है कि वह 60 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। मानेंगे ही नहीं। मुकेश सैनी ने कहा है कि हमारी पार्टी बिहार की 243 में से 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। महागठबंधन में बाकी बची सीटों पर सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे। सहयोगी दल मतलब कांग्रेस जो आरजेडी के साथ 2004 से साथ चुनाव लड़ रहे है ।
मुकेश सैनी से बिहार चुनाव को लेकर जब पूछा गया की विधानसभा में आप लोग 60 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेंगे और बाकी सीटों पे सहयोगी दल के उम्मीदवार क्या इस पर सहमति बन चुकी है? तो उन्होंने साफ़ कहा की अभी इसमें सहमति तो नहीं बना लेकिन चार महीना पहले मार्च में ही हम लोगों ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में कुछ निर्णय हम लोगों ने लिया था। उस निर्णय में से था कि राज्य के 25% सीट मतलब तकरीबन 60 सीट वीआईपी पार्टी को लड़ना चाहिए। जिस हिसाब से हमारा जनाधार है जिस हिसाब से हमने राज्य में उपचुनाव लड़ कर अकेले अपने दम पर 3000 से 25000 वोट लाके हमने दिखाया और उससे बिहार में हार और जीत का परिणाम प्रभावित हुआ तो इस अनुकूल हमें 60 सीट लड़ना चाहिए और सरकार बनने पर वीआईपी पार्टी का डिप्टी चीफ मिनिस्टर हो साथ ही उन्होंने RJD को लेकर साफ़ कहा की एक ही पार्टी राष्ट्रीय जनता दल है जो बड़ी पार्टी है। वही 100 प्लस सीट पे चुनाव लड़ेंगे। बाकी जो है वो 100 के अंदर ही चुनाव लड़ना है सबको। बहुत जल्दी दो हफ्ते के अंदर में सीएम कौन होंगे, डिप्टी सीएम कौन होंगे, कि कौन पार्टी कितने सीट पर लड़ेंगे, कहां लड़ेंगे? यह सारे चीजें बहुत जल्दी आप लोगों को जानकारी मिल जाएगा।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की सीटों को लेकर दावेदारी शुरू हो गई है। मुकेश सैनी के बाद कांग्रेस ने भी 90 सीटों पर अपना दावा ठोका है। कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा का कहना है की हम लोगों ने 90 में हमको हमारी जो डिमांड थी जितना हम लड़े थे उस पर हम कायम है। बड़ा गठबंधन है लेकिन 65 से 70 के बीच में निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी लड़ रही है। ये लिखवा लीजिए।
VIP और कांग्रेस के दावों में एक बात जो दिख रही है जो वर्तमान स्थिति है उसमें सीट शेयरिंग को लेकर रस्साकसी जारी है महागठबंधन जो बिहार में इंडिया गठबंधन है उसके अंदर खींच तान दिख रही है। मुकेश सहनी ने 60 सीटों का दावा किया और हालांकि वो कह रहे थे कि एक दो सीटें कम हो जाएंगी। लेकिन एक दो सीट कम होगी तो क्या होगी ? कम से कम जो उनका मन और मिजाज इस वक्त दिख रहा है तो यह आकड़ा 55 से नीचे तो वो जाएंगे नहीं । राजनीति में चीजें बदलती रहती है लेकिन जो दावा है मुकेश सहनी का वो 60 सीटों का है और साथ ही साथ एक डिप्टी सीएम की कुर्सी जो खुद अपने लिए वो चाहते हैं। उन्होंने दावेदारी की है। उन्होंने बार-बार कहा है कि तेजस्वी यादव अगर पिछड़ा का बेटा बिहार का मुख्यमंत्री बनेगा तो अति पिछड़ा का बेटा मुकेश सहनी डिप्टी सीएम बनेगा। तो वो अपने आप को डिप्टी सीएम के लिए बिल्कुल फिट मान रहे हैं। अगर सरकार बनती है बिहार में विपक्षी गठबंधन की इंडिया गठबंधन की तो वो डिप्टी सीएम बनेंगे।
संतोष मिश्रा कांग्रेस के विधायक हैं। वो भी खुले तौर पे ये बात कह रहे हैं। तो यह चीजें कहीं ना कहीं बताती हैं कि जो सीट शेयरिंग के बीच दबाव और प्रेशर पॉलिटिक्स होता है आमतौर पे गठबंधनों के अंदर वो इस वक्त चरम पे है। मुकेश सनी ने एक और बात कही कि 15 दिन में मतलब दो हफ्ते में सारी तस्वीर सीट शेयरिंग को लेकर के साफ हो जाएगी। कांग्रेस और वीआईपी फिलहाल जो रणनीति अपना रहे हैं वो ये है कि पहले आप सीट शेयरिंग पर सीटें फाइनल करिए। कौन सी सीटें होंगी उसको तय करिए और जब यह चीजें तय होंगी तभी वह तेजस्वी यादव के नाम पर मोहर लगाएंगे या उस तौर पर साझा घोषणा होगी।
बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर इसी साल की आखिर में चुनाव होना है ऐसे में सीटों को लेकर सियासी माहौल बिहार में गर्म है इन सब के साथ बिहार में मचे वोटर लिस्ट पर घमासान जारी हैं। राहुल गांधी चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले हैं। कर्नाटक के साथ बिहार में भी मोर्चा निकालेंगे और रक्षाबंधन के बाद राहुल बिहार का दौरा करेंगे। इसे लेकर सियासत अभी से बहुत ज्यादा तेज हो गई है। RJD नेता तेजस्वी यादव का कहना है की “भाजपा के लोग वोटों की चोरी कर रहे हैं। बिहार में बढ़ता अपराध हो, बढ़ता भ्रष्टाचार हो, जो 80 हजार करोड़ का घोटाला इस सरकार ने किया है। बिहार को बदहार व्यवस्था में इन लोगों ने लाने का काम किया है। पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई में बिहार सभी में फ़िसड्डी है। 30 सितंबर के बाद किसी भी दिन चुनाव की घोषणा हो सकती है क्योंकि 30 सितंबर को वोटर लिस्ट का प्रकाशन हो जाएगा “
बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने तेजस्वी के चुनाव तारीख को लेकर ही घेर लिया और बोले “30 तारीख तक आप होते कौन है घोषणा करने वाले? यही नौ सिखिया नेता लोग हैं। अरे भैया अभी तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री है ना। ये क्यों नहीं समझ रहे हैं? आप मुख्यमंत्री नहीं हो। लोकतंत्र है, राजतंत्र नहीं है। मैं बार-बार कहता हूं कि लालू जी का बेटा होना और राजीव गांधी का बेटा होना ही क्वालिटी नहीं है। जनता के बीच में किसका एक्सेप्टेंस है यह देखो। और कोई मुद्दा नहीं है। बुरी तरह से 2010 में जैसे माई बाप समीकरण काम नहीं आया। 22-23 सीट पर सिमट गए। नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बन पाया। इस बार भी वही खेल बिहार में होगा। राजद कांग्रेस का सफाया होगा।”
सम्राट चौधरी वोटर लिस्ट में धाँधली के आरोपों पर भी हमलावर रहे “एक महीना तो दावा आपत्ति करने का है। साबित करें। यह सच से भाग रहे हैं। एक महीना दावा आपत्ति का मिला है। क्यों नहीं कर रहे? कोई प्रमाणिकता नहीं दे पा रहे। सिर्फ बरबोलेपन के पुत्र जंगल राज के युवराज ढोल बजा रहे हैं। और दुर्भाग्य से यह केंद्र में पप्पू और बिहार में अप्पू यह दोनों मिलके नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा को गिरा रहे हैं।”
बिहार में चुनावी सरगर्मी को लेकर जो हालात बने हैं वो आप समझ ही रहे होंगे। बिहार में इस वक्त जमकर सियासत हो रही है। उधर सीटों को लेकर खींचतान भी जारी है कि किस दल को कितनी सीटें मिलेंगी। इस पर सस्पेंस बना हुआ है। नेतृत्व कौन करेगा? इस पर भी सस्पेंस बना हुआ है। तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपने पक्छ में माहौल बनाने की कोशिश हो रही है। राहुल गांधी भी तैयारी कर चुके हैं और सत्ता पक्ष की तरफ से भी तैयारी है कि कैसे विपक्ष के आरोपों को काटा जाए।
बिहार में कांग्रेस और आरजेडी कब से साथ चुनाव लड़ रहे हैं?
RJD की स्थापना 1997 में लालू प्रसाद यादव ने जनता दल से अलग होकर की थी । इसके बाद से समय-समय पर कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर चुनाव लड़ा है।
2004 लोकसभा चुनाव : आरजेडी और कांग्रेस ने एक साथ चुनाव लड़ा।
2015 बिहार विधानसभा चुनाव :आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू (नीतीश कुमार की पार्टी) ने मिलकर महागठबंधन बनाया।
2019 लोकसभा चुनाव : आरजेडी और कांग्रेस ने फिर से गठबंधन किया।
2020 बिहार विधानसभा चुनाव : कांग्रेस और आरजेडी ने एक बार फिर मिलकर चुनाव लड़ा (महागठबंधन के तहत)।
2024 लोकसभा चुनाव : कांग्रेस और आरजेडी ने INDIA गठबंधन के तहत एक साथ चुनाव लड़ा।