श्रावण मास, जिसे हम आमतौर पर सावन कहते हैं, हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का सबसे पावन महीना माना जाता है। यह महीना शिवभक्तों के लिए खास महत्व रखता है क्योंकि मान्यता है कि इस समय भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
सावन के Mondays यानी सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। लाखों शिवभक्त मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं, व्रत रखते हैं और हर सोमवार को शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध और जल चढ़ाकर शिव कृपा पाते हैं। लेकिन अगर आप किसी कारणवश मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। आप घर पर भी भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं और शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं घर पर सावन में शिव पूजन की सही विधि।
घर पर शिव पूजा कैसे करें?
पूजा की तैयारी
सावन में शिव पूजा की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से करें। स्नान के बाद स्वच्छ सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें। फिर पूजा स्थल को साफ करें और वहां गंगाजल छिड़कें।
अब लकड़ी की चौकी पर साफ सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर शिवलिंग या शिव परिवार की तस्वीर स्थापित करें। अगर आपके पास शिवलिंग नहीं है तो मिट्टी का शिवलिंग बनाकर भी पूजन कर सकते हैं।
पूजा का संकल्प
पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल लेकर अपनी मनोकामना कहते हुए संकल्प लें। यह संकल्प आपको पूजा में एकाग्रता देता है और आपकी कामना को भोलेनाथ तक पहुंचाता है।
पूजा विधि
- सबसे पहले शिवलिंग पर शुद्ध जल चढ़ाएं। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल या RO पानी से बारी-बारी से अभिषेक करें। हर बार अभिषेक के बाद फिर से शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- अब शिवलिंग को साफ सफेद कपड़ा अर्पित करें और उस पर चंदन व भस्म से तिलक लगाएं।
- अक्षत (चावल) और ताजे फूल चढ़ाएं। शिवजी को विशेष रूप से आक और धतूरा के फूल अर्पित करना उत्तम माना जाता है।
- बेलपत्र शिवजी को अत्यंत प्रिय हैं। ध्यान रखें कि बेलपत्र तीन पत्तियों वाला हो और बीच से टूटा न हो। बेलपत्र चढ़ाते समय पत्तियों की डंडी शिवलिंग से दूर रखें।
मंत्र जाप और आरती
- अब घी या सरसों के तेल का दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” या “महामृत्युंजय मंत्र” का कम से कम 108 बार जाप करें। चाहें तो शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
- पूजा के अंत में कपूर या घी के दीपक से शिवजी की आरती करें। आरती के समय घंटी जरूर बजाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- पूजा के बाद फल और मिठाई का भोग अर्पित करें और परिवार में बांटें।
पूजा में क्या रखें सावधानियां
- शिवलिंग पर तुलसी पत्र कभी न चढ़ाएं क्योंकि तुलसी को विष्णु प्रिय माना जाता है।
- बेलपत्र साफ और ताजा होने चाहिए।
- पूजा के दौरान मन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक बात न सोचें।
- पूजा के अंत में भोलेनाथ से क्षमा प्रार्थना जरूर करें अगर अनजाने में कोई भूल हो गई हो।
सावन में क्यों खास है शिव पूजा?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को अपने कंठ में धारण कर लिया था और जगत की रक्षा की थी। तभी से शिव को ‘नीलकंठ’ कहा जाता है। इसी वजह से सावन में उनकी पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
कहा जाता है कि सावन में श्रद्धा और भक्ति से की गई शिव पूजा मनुष्य को रोग, भय और कष्टों से मुक्त कर सुख-समृद्धि देती है।
सावन शिव पूजा: घर बैठे खोलें सौभाग्य के द्वार
अगर आप श्रद्धा से भोलेनाथ की पूजा करते हैं तो निश्चित ही उनकी कृपा से आपके जीवन में खुशियां और सफलता आएगी। सावन में घर बैठे शिव पूजा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता दूर होती है। इस बार आप भी सावन में घर पर ही भोलेनाथ की पूजा करें और परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।
सावन में इन बातों का रखें खास ध्यान
- सावन के महीने में मांसाहार और तामसिक भोजन से बचें.
- सावन के दौरान मन और शरीर की शुद्धता बनाए रखें.
- इस पवित्र महीने में गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है.
- यदि संभव हो तो सावन के सोमवार का व्रत रखें, यह अत्यंत फलदायी माना जाता है.
- इस दौरान किसी से वाद-विवाद या क्रोध करने से बचना चाहिए.