जैसे-जैसे मई महीने का अंत नज़दीक आता जा रहा है, पूरे देश की निगाहें इस समय मानसून के आगमन पर टिक गई हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार, अगले एक सप्ताह में दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल तट पर पहुंचने की पूरी संभावना बन गई है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की यह दस्तक देश के कृषि क्षेत्र के लिए बेहद अहम है क्योंकि इसी पर खरीफ फसलों की बुवाई निर्भर करती है।
दक्षिण भारत में जारी है तेज़ बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का खतरा
इस बीच दक्षिण भारत के कई हिस्सों में इस समय जोरदार बारिश हो रही है। IMD ने पश्चिमी तट और इसके आसपास के क्षेत्रों के लिए अगले कुछ दिनों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। कोंकण और गोवा में 23 से 25 मई तक अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई गई है, वहीं तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 24 से 27 मई के बीच जोरदार बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने मध्य महाराष्ट्र में 25 मई को और तमिलनाडु के घाट क्षेत्रों में 25 और 26 मई को अत्यधिक भारी वर्षा का अनुमान जताया है। लगातार बारिश की वजह से इन क्षेत्रों में बाढ़, भूस्खलन और जलभराव जैसे खतरे मंडरा सकते हैं।
मुंबई में येलो अलर्ट, रायगढ़ में रेड अलर्ट जारी
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में अगले पांच दिनों तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। मुंबईकरों को हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज़ हवाओं का सामना करना पड़ सकता है। रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है, जहां बेहद तेज़ बारिश के आसार जताए जा रहे हैं। वहीं रायगढ़ जिले के लिए पांच दिन का ऑरेंज अलर्ट लागू कर प्रशासन ने लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और घरों में सुरक्षित रहने की सलाह दी है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत एवं बचाव दलों को पूरी तरह अलर्ट पर रखा है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
मानसून की समय पर शुरुआत किसानों के लिए बड़ी राहत
आईएमडी के मुताबिक, केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए मौसम अगले दो दिनों में पूरी तरह अनुकूल हो सकता है। इस साल मानसून के समय पर आने की उम्मीद ने किसानों में नई उम्मीदें जगा दी हैं। समय पर बारिश खरीफ फसलों जैसे धान, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन की बुवाई के लिए जरूरी होती है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में मानसून के असामयिक या कमजोर रहने से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में इस बार मानसून की नियमित चाल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
उत्तर भारत में लू का कहर, सावधानी जरूरी
दूसरी ओर, उत्तर भारत में गर्मी और लू से राहत के फिलहाल कोई संकेत नहीं हैं। IMD के मुताबिक उत्तर-पश्चिम भारत में लू की स्थिति बनी रहेगी। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में हल्की आंधी और ओलावृष्टि ने थोड़ी राहत जरूर दी थी, लेकिन अब तापमान फिर से चढ़ने के आसार हैं।
मौसम विभाग ने पश्चिम राजस्थान, पूर्वी राजस्थान, जम्मू और कश्मीर समेत कई इलाकों के लिए चेतावनी जारी की है। पश्चिम राजस्थान में 23 से 27 मई तक, जम्मू और कश्मीर में 23 से 26 मई तक और पूर्वी राजस्थान में 23 से 25 मई तक लू की स्थिति बनी रह सकती है।
इन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रह सकता है। ऐसे में लोगों को गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और थकान से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि तेज़ धूप में बाहर निकलने से बचें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं खासतौर पर लू के दौरान सावधान रहें।
दक्षिण भारत में रहने वालों को भी सलाह दी गई है कि भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
जैसे ही मानसून केरल में दस्तक देगा, देश के बाकी हिस्सों में भी धीरे-धीरे बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा। फिलहाल दक्षिण भारत में जहां बारिश से राहत है, वहीं उत्तर भारत को अभी लू से जूझना होगा। ऐसे में जरूरी है कि मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें, प्रशासन की सलाह मानें और अपनी सेहत का ख्याल रखें।