प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर दुनिया के बड़े मंचों पर भारत की आवाज बुलंद करने निकलने वाले हैं। इस बार उनका विदेशी दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है। पीएम मोदी दो जुलाई से आठ दिन के विदेश दौरे पर रवाना होंगे, जिसमें वह घाना, त्रिनिदाद-टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा करेंगे। इस यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण ब्राजील में आयोजित होने वाला 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होगा, जिसमें भारत की भूमिका को लेकर कई अहम फैसले लिए जाने की उम्मीद है।
30 साल बाद घाना जाएंगे भारतीय प्रधानमंत्री
पीएम मोदी अपनी यात्रा की शुरुआत घाना से करेंगे। खास बात यह है कि पिछले 30 साल में कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री घाना नहीं गया। इससे पहले पीवी नरसिम्हा राव ने घाना का दौरा किया था। घाना पश्चिम अफ्रीका का वह देश है, जहां बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय भी रहता है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से भारत-घाना द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम मिलने की उम्मीद है। वे घाना के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। साथ ही घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि अपने भाषण में पीएम मोदी भारत-घाना ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करेंगे और अफ्रीकी देशों के साथ भारत की साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर देंगे।
भारतीय समुदाय से संवाद
घाना में पीएम मोदी भारतीय मूल के लोगों से भी मुलाकात करेंगे। घाना समेत कई अफ्रीकी देशों में भारतीय समुदाय ने व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस दौरान वे भारतीय मूल के व्यापारियों, छात्रों और स्थानीय सामाजिक संगठनों को भी संबोधित करेंगे।
त्रिनिदाद-टोबैगो: भारतीय संस्कृति का दूसरा घर
घाना के बाद पीएम मोदी का काफिला त्रिनिदाद-टोबैगो पहुंचेगा। त्रिनिदाद-टोबैगो को भारतीय संस्कृति का दूसरा घर कहा जाता है, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग बसे हुए हैं। कई दशकों से वहां भारतीय परंपराएं, त्योहार और भाषा जीवित हैं।
त्रिनिदाद-टोबैगो में पीएम मोदी वहां के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान व्यापार, ऊर्जा, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर रहेगा। पीएम मोदी वहां भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे।
अर्जेंटीना में निवेश और व्यापार की बात
पीएम मोदी की तीसरी यात्रा अर्जेंटीना होगी। अर्जेंटीना दक्षिण अमेरिका का वह देश है, जहां भारत के साथ कृषि, आईटी और फार्मा के क्षेत्र में बड़े अवसर हैं। इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई निवेश समझौते होने की उम्मीद है। पीएम मोदी अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मुलाकात कर द्विपक्षीय व्यापार को और मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे।
ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: बड़ी उम्मीदें
मोदी की इस यात्रा का सबसे अहम पड़ाव ब्राजील है, जहां वे 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ब्रिक्स के जरिए ये देश वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज बनकर उभरना चाहते हैं।
ब्रिक्स समिट में इस बार वैश्विक अर्थव्यवस्था, यूक्रेन संकट, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटल ट्रेड जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। पीएम मोदी इस मंच से विकासशील देशों की आवाज को और मजबूती से रखेंगे।
इसके अलावा ब्रिक्स में सदस्य देशों के बीच आपसी व्यापार को डॉलर के बजाय अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं में करने पर भी अहम बातचीत हो सकती है। भारत की कोशिश होगी कि सदस्य देश रुपये में व्यापार को बढ़ावा दें।
नामीबिया से गहराएंगे कूटनीतिक रिश्ते
इस दौरे का आखिरी पड़ाव नामीबिया होगा। नामीबिया अफ्रीका का एक उभरता हुआ देश है, जिसके साथ भारत के ऐतिहासिक और पर्यावरणीय संबंध भी हैं। गौरतलब है कि हाल ही में भारत ने नामीबिया से चीते लाकर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बसाए थे।
पीएम मोदी इस यात्रा में नामीबिया के राष्ट्रपति और शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच ऊर्जा, खनिज और वाइल्डलाइफ संरक्षण जैसे मुद्दों पर समझौते हो सकते हैं।
क्यों अहम है यह दौरा?
पीएम मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया में भू-राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है। रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया में उथल-पुथल और वैश्विक मंदी जैसे हालात में भारत खुद को विकासशील देशों के नेता के रूप में स्थापित कर रहा है।
यह दौरा प्रधानमंत्री मोदी की ‘Act East’ और ‘Act Africa’ नीति को और मजबूती देगा। इसके अलावा ब्रिक्स के मंच से भारत अपनी भूमिका को और प्रभावशाली बना सकेगा।
पीएम मोदी के दौरे का शेड्यूल
- घाना (2-3 जुलाई): पीएम मोदी पांच देशों के दौरे की शुरुआत घाना से करेंगे. यह पीएम मोदी की पहली घाना यात्रा होगी और 30 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी. वे घाना के राष्ट्रपति से मिलकर आर्थिक, ऊर्जा, रक्षा और विकास सहयोग पर चर्चा करेंगे, इसके साथ ही ECOWAS और अफ्रीकी संघ के साथ भारत की भागीदारी को मजबूत करेंगे.
- त्रिनिदाद और टोबैगो (3-4 जुलाई): प्रधानमंत्री के रूप में यह उनकी पहली यात्रा होगी. वे राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मिलेंगे और संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर सकते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक और द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करना है.
- अर्जेंटीना (4-5 जुलाई): प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस बातचीत में रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा और व्यापार जैसे मुद्दों पर फोकस होगा.
- ब्राजील (5-8 जुलाई): पीएम मोदी 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. साथ ही राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे. यह उनकी चौथी ब्राजील यात्रा होगी.
- नामीबिया (9 जुलाई): पीएम मोदी 9 जुलाई को नामीबिया के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वो नामीबिया के राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मुलाकात करेंगे और नामीबिया के पहले राष्ट्रपति डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि देंगे. वे संसद को भी संबोधित कर सकते हैं. यह उनकी पहली नामीबिया यात्रा होगी. नामीबिया में कई खनिजों विशाल भंडार के हैं. नामीबिया से ही चीते आए थे.