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पाकिस्तान के इंटरनेशनल क्रिकेटर्स की बल्ले-बल्ले, सैलरी में भारी बढ़ोतरी, घरेलू खिलाड़ियों की हालत खराब

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने हाल ही में अपने इंटरनेशनल खिलाड़ियों के लिए नई सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट जारी की है, जिसमें बड़े पैमाने पर सैलरी में इजाफा किया गया है। इस फैसले के बाद जहां पाकिस्तान के कई इंटरनेशनल क्रिकेटर्स खुश हैं, वहीं डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। उनके लिए हालात और मुश्किल हो सकते हैं।

PCB ने बीते कुछ सालों से लगातार अपनी इंटरनेशनल टीम को मज़बूत करने की दिशा में काम किया है। इसी कड़ी में अब खिलाड़ियों को ज्यादा आर्थिक मदद देने की कोशिश की गई है ताकि वे ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकें। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब पाकिस्तान के टॉप इंटरनेशनल खिलाड़ी पहले की तुलना में करीब 50% तक ज्यादा सैलरी पाएंगे।

कौन-कौन से खिलाड़ियों को होगा फायदा?

नए कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक बाबर आज़म, मोहम्मद रिज़वान, शाहीन अफरीदी जैसे सीनियर खिलाड़ी अब सबसे ज्यादा फायदा उठाएंगे। PCB ने खिलाड़ियों को 4 कैटेगरी में बांटा है — A, B, C और D। जिन खिलाड़ियों का प्रदर्शन इंटरनेशनल लेवल पर लगातार अच्छा रहा है, उन्हें टॉप कैटेगरी में रखा गया है।

इस फैसले के बाद पाकिस्तान के खिलाड़ी अब भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के खिलाड़ियों की सैलरी के आसपास पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अभी भी कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि तुलना में यह रकम अभी भी कम है, लेकिन पहले के मुकाबले बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

डोमेस्टिक क्रिकेटर्स के लिए क्यों मुश्किलें बढ़ीं?

जहां इंटरनेशनल खिलाड़ियों के चेहरे खिल उठे हैं, वहीं डोमेस्टिक क्रिकेटर्स के लिए यह फैसला थोड़ा झटका लेकर आया है। दरअसल, PCB का बजट सीमित है। ऐसे में जो रकम इंटरनेशनल खिलाड़ियों की सैलरी में बढ़ोतरी के लिए खर्च की गई है, उसका असर डोमेस्टिक क्रिकेट के बजट पर पड़ा है।

डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने वाले कई खिलाड़ी अब शिकायत कर रहे हैं कि उनकी फीस और मैच फीस में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। उल्टा, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ टूर्नामेंट के बजट में कटौती कर दी गई है।

डोमेस्टिक क्रिकेट PCB के लिए क्यों जरूरी है?

पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास में डोमेस्टिक क्रिकेट ने कई बड़े खिलाड़ी दिए हैं। वसीम अकरम, इंजमाम उल हक़, यूनुस खान, मिस्बाह उल हक़ जैसे दिग्गजों ने अपनी प्रतिभा डोमेस्टिक क्रिकेट से ही साबित की थी। अगर डोमेस्टिक खिलाड़ियों को पूरा सपोर्ट नहीं मिलेगा तो आने वाली पीढ़ियों के लिए नए खिलाड़ी तैयार करना मुश्किल होगा।

खुद PCB के कई पूर्व अधिकारी भी मानते हैं कि सिर्फ इंटरनेशनल खिलाड़ियों पर ध्यान देना एकतरफा रणनीति है। डोमेस्टिक स्ट्रक्चर मज़बूत किए बिना पाकिस्तान क्रिकेट को भविष्य में नुकसान हो सकता है।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का तर्क क्या है?

PCB के अधिकारियों का कहना है कि इंटरनेशनल खिलाड़ियों को अच्छी सैलरी देना जरूरी है क्योंकि वो देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय लीग्स जैसे IPL, BBL या CPL से ऑफर आते हैं। अगर PCB उन्हें आर्थिक रूप से संतुष्ट नहीं करेगा तो खिलाड़ी दूसरे देशों या लीग्स की तरफ जा सकते हैं।

इसी वजह से बोर्ड ने सैलरी स्ट्रक्चर को इंटरनेशनल लेवल के हिसाब से अपडेट करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही PCB ने यह भी कहा है कि आने वाले समय में डोमेस्टिक स्ट्रक्चर को भी बेहतर किया जाएगा।

खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया

जहां सीनियर खिलाड़ियों ने बोर्ड के इस कदम का स्वागत किया है, वहीं कई जूनियर खिलाड़ियों ने नाराज़गी भी जताई है। कुछ युवा खिलाड़ियों का कहना है कि इंटरनेशनल टीम में जगह बनाना हर किसी के लिए संभव नहीं होता। कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी सिर्फ घरेलू मैच ही खेल पाते हैं, ऐसे में उनका ध्यान रखना भी जरूरी है।

फैंस का मिला-जुला रिएक्शन

पाकिस्तान में क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि जुनून है। सोशल मीडिया पर फैंस इस फैसले को लेकर बंटे हुए हैं। कुछ फैंस का कहना है कि सही बात है कि इंटरनेशनल खिलाड़ियों को अच्छी सैलरी मिलनी चाहिए ताकि वे और बेहतर खेलें। वहीं कई लोग यह भी कह रहे हैं कि PCB को डोमेस्टिक क्रिकेट को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर खूब मीम्स भी वायरल हो रहे हैं। ट्विटर पर कई यूजर्स ने तो इस फैसले को लेकर बाबर आज़म और शाहीन अफरीदी को ‘लकी प्लेयर्स’ कहना शुरू कर दिया है।

क्या होगा आगे?

अब देखना दिलचस्प होगा कि PCB आने वाले महीनों में डोमेस्टिक खिलाड़ियों के लिए क्या कदम उठाता है। क्या उनकी सैलरी भी बढ़ाई जाएगी या फिर यह अंतर बना रहेगा? इसके अलावा क्या इससे पाकिस्तान की इंटरनेशनल क्रिकेट टीम के प्रदर्शन पर कोई असर पड़ेगा यह आने वाला समय बताएगा।

एक बात तो तय है कि अगर डोमेस्टिक स्ट्रक्चर मज़बूत नहीं रखा गया तो पाकिस्तान को नए टैलेंट की कमी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ज़रूरी है कि इंटरनेशनल और डोमेस्टिक दोनों खिलाड़ियों का संतुलन बना कर चलना होगा।

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